ये जो कुल्फी खाते हुये
एक हंथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना
एक हंथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना
इसे ही गीता में मोह बताया है.
Or
और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हैं
Or
और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हैं
इसे ही गीता में लोभ कहा है
और डण्डी फेकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,
और डण्डी फेकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,
इसे गीता मे ईष्या कहा गया है, ☺
और कुल्फी खतम होने से पहले डऩ्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....
इसे ही गीता मे क्रोध कहा है
और कुल्फी खतम होने से पहले डऩ्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....
इसे ही गीता मे क्रोध कहा है
और इसे पढ़कर जो हसी आती है उसे मोक्ष कहते है
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ये जो नींद पूरी होने के बाद भी 3 घंटे तक बिस्तर पर मगरमच्छ की तरह पड़े रहते हो ना !
शास्त्रों में इसे ही आलस्य कहा गया है।
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शास्त्रों में इसे ही आलस्य कहा गया है।
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ये रेस्टोरेंट में खाने के बाद जो कनस्तर भरके सोंफ और मिश्री का बुक्का मारते हो ना !!
शास्त्रों में इसे ही टुच्चापन कहा है ।।
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शास्त्रों में इसे ही टुच्चापन कहा है ।।
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ये जो ताला लगाने के बाद उसे पकड़ कर खींचते हो ना !!
इसे ही शास्त्रों में भय कहा गया है ।।
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ये जो तुम WhatsApp पर मेसेज़ भेजने के बाद
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना !
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना !
इसे ही शास्त्रों में उतावलापन कहा गया है...
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वो जो तुम गोलगप्पे वाले से कभी मिर्च वाला कभी सूखा कभी दही वाला कभी मीठी चटनी
वाला माँगते वक़्त उसे भैया बोलती हो ना..
बस इसी को शास्त्रों में शोषण कहा गया है
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र्बाइक चलाते हुए जो तुम तिरछी नजरों से गुजरने वाली हर लड़की को ताड़ते हो न,
शाश्त्रों में इसे ही छिछोरापन कहा गया है।
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फ्रूटी खत्म होने के बाद ये जो आप स्ट्रा से सुड़प-सुड़प करके आखिरी बून्द तक पीने की कोशिश करते हो न....
शास्त्रो में इसे ही मृगतृष्णा कहा गया है
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ये जो तुम लोग केले खरीदते वक्त, अंगूर क्या भाव दिये ? बोल के 5-7 अंगूर खा जाते हो ना......शास्त्रो में इसे ही अक्षम्य अपराध कहा गया है।
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ये जो तुम.. भंडारे में बैठकर..
खाते हुए.. रायते वाले को आता देखकर..
जल्दी से.. रायता पी लेते हो....!!
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शास्त्रो में.. इसे भी छल कहा गया है !!
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शास्त्रो में.. इसे भी छल कहा गया है !!
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